रत्नकरंड श्रावकाचार
From जैनकोष
आ. समन्तभद्र (ई. श. २) द्वारा रचित संस्कृत छन्दबद्ध इस ग्रन्थ में ७ परिच्छेद तथा १५० श्लोक हैं । श्रावकाचार विषयक यह प्रथम ग्रन्थ है । (ती./२/१९१)। इस पर निम्न टीकाएँ उपलब्ध हैं -
- आ. प्रभाचन्द्र ७ (ई. ११८५-१२४३) कृत संस्कृतटीका;
- पं. सदासुख (ई. १७९५-१८६६) कृत भाषा टीका, जो अत्यन्त विस्तृत व प्रामाणिक है ।