रत्नद्वीप: Difference between revisions
From जैनकोष
mNo edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) एक द्वीप । यह भारतीय रत्न-व्यवसाय का केंद्र था । <span class="GRef"> (महापुराण 3.159, 59.148-149), </span><span class="GRef"> (पद्मपुराण 14.358) </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) एक द्वीप । यह भारतीय रत्न-व्यवसाय का केंद्र था । <span class="GRef"> (महापुराण 3.159, 59.148-149), </span><span class="GRef"> ([[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_14#358|पद्मपुराण - 14.358]]) </span></p> | ||
<p id="2">(2) भरत क्षेत्र का एक नगर । यह भानुरक्ष के पुत्रों द्वारा बसाया गया था । <span class="GRef"> (पद्मपुराण 5.373) </span></p> | <p id="2">(2) भरत क्षेत्र का एक नगर । यह भानुरक्ष के पुत्रों द्वारा बसाया गया था । <span class="GRef"> ([[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#373|पद्मपुराण -5. 373]]) </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Revision as of 22:35, 17 November 2023
(1) एक द्वीप । यह भारतीय रत्न-व्यवसाय का केंद्र था । (महापुराण 3.159, 59.148-149), (पद्मपुराण - 14.358)
(2) भरत क्षेत्र का एक नगर । यह भानुरक्ष के पुत्रों द्वारा बसाया गया था । (पद्मपुराण -5. 373)