GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 38 - समय-व्याख्या - हिंदी
From जैनकोष
यहाँ, कौन क्या चेतता है (अर्थात् किस जीव को कौनसी चेतना होती है) वह कहा है ।
चेतता है, अनुभव करता है, उपलब्ध करता है और वेदता है -- ये एकार्थ हैं (अर्थात् यह सब शब्द एक अर्थ-वाले हैं), क्योंकि चेतना, अनुभूति, उपलब्धि और वेदना का एक अर्थ है । वहाँ, स्थावर कर्म-फल को चेतते हैं, त्रस कार्य को चेतते हैं, केवल-ज्ञानी ज्ञान को चेतते हैं ॥३८॥