GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 40.3 - अर्थ
From जैनकोष
अवधिज्ञान उसी प्रकार अर्थात् प्रत्यक्ष रूप में मूर्त वस्तु को जानता है, देशावधि, परमावधि और सर्वावधि ये तीनों नियम से गुण प्रत्यय होते हैं तथा भव प्रत्यय नियत देश (देव- नरकगति) में होता है ।