GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 8 - अर्थ
From जैनकोष
सत्ता सर्व पदार्थों में स्थित, सविश्वरूप, अनन्त पर्यायमय, भंग-उत्पाद-ध्रौव्य स्वरूप, सप्रतिपक्ष और एक है ।
सत्ता सर्व पदार्थों में स्थित, सविश्वरूप, अनन्त पर्यायमय, भंग-उत्पाद-ध्रौव्य स्वरूप, सप्रतिपक्ष और एक है ।