GP:प्रवचनसार - गाथा 116
From जैनकोष
एसो त्ति णत्थि कोई ण णत्थि किरिया सहावणिव्वत्ता । (116)
किरिया हि णत्थि अफला धम्मो जदि णिप्फलो परमो ॥126॥
एसो त्ति णत्थि कोई ण णत्थि किरिया सहावणिव्वत्ता । (116)
किरिया हि णत्थि अफला धम्मो जदि णिप्फलो परमो ॥126॥