GP:प्रवचनसार - गाथा 224.4 - अर्थ
From जैनकोष
स्त्रियों के मन में मोह, प्रद्वेष, भय, ग्लानि और विचित्र प्रकार की माया निश्चित होती है; इसलिए उन्हें मोक्ष नहीं है ॥२४७॥
स्त्रियों के मन में मोह, प्रद्वेष, भय, ग्लानि और विचित्र प्रकार की माया निश्चित होती है; इसलिए उन्हें मोक्ष नहीं है ॥२४७॥