GP:रत्नकरंड श्रावकाचार - श्लोक 143 - टीका हिंदी
From जैनकोष
जो स्त्री-पुरुष एक-दूसरे के शरीर को देखकर कामादिक से विरक्त होते हैं, वे ब्रह्मचारी हैं। यह शरीर कैसा है? मल / शुक्र / शोणितरूप मल का कारण है । मलयोनि / अपवित्रता का कारण है । इस शरीर से मल, मूत्र, पसीना आदि झरते रहते हैं। यह दुर्गन्ध से सहित है। इसके सभी अङ्गों को देखकर ग्लानि ही उत्पन्न होती है ।