अंकप्रभ
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
कुंडलवर पर्वत स्थित पश्चिम दिशा का एक कूट । यह महाहृदय देव की निवासभूमि है ।- देखें लोक - 5.12।
पुराणकोष से
कुंडलवर द्वीप के मध्य में स्थित कुंडलगिरि के पश्चिम दिशावर्ती चार कूटों में दूसरा कूट । यह महाहृदय देव की निवासभूमि है । हरिवंशपुराण - 5.686,हरिवंशपुराण - 5.693