अतिवेग
From जैनकोष
धरणीतिलक नगर का राजा । इसकी रानी का नाम प्रियकारिणी और पुत्री का नाम रत्नमाला था । इसने पुत्री का विवाह जंबूद्वीप के चक्रपुर नगर में वहाँ के राजा अपराजित और रानी चित्रमाला के पुत्र वज्रायुध से किया था । इस राजा की दूसरी रानी का नाम सुलक्षणा था । इन दोनों की एक श्रीधरा नाम की पुत्री थी जिसका विवाह इन्होंने अलकानगरी के अधिपति दर्शक विद्याधर से किया था । महापुराण 51.228-229 ,239-242 राजा का अपर नाम प्रियंकर और रानी का अपर नाम अतिवेगा था । हरिवंशपुराण - 27.91-92