अत्यंताभाव
From जैनकोष
जैन सिद्धांत प्रवेशिका/185
एक द्रव्य में दूसरे द्रव्य के अभाव को अत्यंताभाव कहते है।
- विस्तार से समझने के लिये देखें अभाव ।
जैन सिद्धांत प्रवेशिका/185
एक द्रव्य में दूसरे द्रव्य के अभाव को अत्यंताभाव कहते है।
- विस्तार से समझने के लिये देखें अभाव ।