अध्यधि
From जैनकोष
मूलाचार / आचारवृत्ति / गाथा 447-461
1.अध्यधि दोष - संयमी साधु को आता देख उनको देने के लिए अपने निमित्त चूल्हे पर रखे हुए जल और चावलों मे और अधिक जल और चावल मिला कर फिर पकावे। अथवा जब तक भोजन तैय्यार न हो, तब तक धर्म प्रश्न के बहाने साधु को रोक रखे, वह अध्यधि दोष है। यह आहार के 46 दोषों में से एक दोष है। - और देखें आहार - II.4।
2. वसति का एक दोष - देखें वसतिका ।