अनर्थदंडव्रत
From जैनकोष
गुणव्रत के तीन भेदों में तीसरा भेद-बिना किसी प्रयोजन के होने वाले विविध पापारंभों का त्याग । इसके पाँच भेद है—पापोपदेश, अपध्यान, प्रमादाचरित, हिंसादान और अशुभश्रुति (दुःश्रुति) । हरिवंशपुराण - 58.146 , पांडवपुराण 14.198, वीरवर्द्धमान चरित्र 18.49