अनावर
From जैनकोष
(1) प्रोषधोपवास व्रत का एक अतिचार । व्रत के प्रति आदर नहीं रखना यह इसका अतिचार है । हरिवंशपुराण - 58.181
(2) जंबूवृक्ष पर बने भवनों का निवासी एक देव । आदर नाम का देव भी इसी के साथ रहता है । हरिवंशपुराण - 5.181
(3) सामायिक व्रत का अतिचार । सामायिक के प्रति आदर उत्साह न होने से सामायिक नहीं होता । हरिवंशपुराण - 58.180