आभ्यंतर तप
From जैनकोष
तप के दो भेदों मे प्रथम भेद । इसके छ: भेद है—प्रायश्चित्त, विनय, वैयावृत्य, स्वाध्याय, व्युत्सर्ग और ध्यान । इनके द्वारा मन का निगमन किया जाता है । महापुराण 20.189-203, हरिवंशपुराण - 64.20-28
तप के दो भेदों मे प्रथम भेद । इसके छ: भेद है—प्रायश्चित्त, विनय, वैयावृत्य, स्वाध्याय, व्युत्सर्ग और ध्यान । इनके द्वारा मन का निगमन किया जाता है । महापुराण 20.189-203, हरिवंशपुराण - 64.20-28