उन्मूलनव्रणरोह
From जैनकोष
एक दिव्य-औषधि । इससे घाव शीघ्र भरा जा सकता है । यह औषधि चारुदत्त को एक विद्याधर के संकेत से प्राप्त हुई थी । हरिवंशपुराण - 21.18
एक दिव्य-औषधि । इससे घाव शीघ्र भरा जा सकता है । यह औषधि चारुदत्त को एक विद्याधर के संकेत से प्राप्त हुई थी । हरिवंशपुराण - 21.18