उपकरण
From जैनकोष
धवला पुस्तक 6/1,1,33/236/3
उपक्रियतेऽनेनेत्युपकरणम्
= जिसके द्वारा उपकार किया जाता है उसे उपकरण कहते हैं।
संयमोपकरण
- ( प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति टीका / गाथा 223/1)
निश्चयव्यवहारमोक्षमार्गसहकारिकारणत्वेनाप्रतिषिद्धमुपकरणरूपोपधिं अप्रार्थनीयं-भावसंयमरहितस्यासंयतजनस्यानभिलषणीयम्।
= निश्चय-व्यवहार मोक्षमार्ग के सहकारी कारण रूप से अप्रतिषिद्ध जो उपकरण रूप उपाधि वह भाव संयम से रहित असंयत जनों के द्वारा प्रार्थना या अभिलाषा की जाने योग्य नहीं होनी चाहिए।
• उपकरण इंद्रिय-देखें इंद्रिय - 1
• जिन प्रतिमा के 108 उपकरण द्रव्य-देखें चैत्य - 1.11