कल्पशास्त्र
From जैनकोष
भगवती आराधना / विजयोदया टीका/130/307/14 कल्प्यते अभिधीयते येन अपराधानुरूपो दंड: स कल्प:। 1. जिसमें अपराध के अनुरूप दंड का विधान कहा है उस शास्त्र को कल्पशास्त्र कहते हैं।
देखें शास्त्र ।
भगवती आराधना / विजयोदया टीका/130/307/14 कल्प्यते अभिधीयते येन अपराधानुरूपो दंड: स कल्प:। 1. जिसमें अपराध के अनुरूप दंड का विधान कहा है उस शास्त्र को कल्पशास्त्र कहते हैं।
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