काकावलोकन
From जैनकोष
मुनियों को उत्थित कायोत्सर्ग के दोषों का त्याग करना चाहिए। उन दोषों में से एक कौवे की भाँति दृष्टि को इतस्ततः फेंकते हुए खड़े होना काकावलोकन दोष है।
कायोत्सर्ग का अतिचार–देखें व्युत्सर्ग - 1।
मुनियों को उत्थित कायोत्सर्ग के दोषों का त्याग करना चाहिए। उन दोषों में से एक कौवे की भाँति दृष्टि को इतस्ततः फेंकते हुए खड़े होना काकावलोकन दोष है।
कायोत्सर्ग का अतिचार–देखें व्युत्सर्ग - 1।