काययोग
From जैनकोष
काय के निमित्त से आत्मप्रदेशों का संचार । यह सात प्रकार का होता है― औदारिक काययोग, औदारिक मिश्रकाययोग, वैक्रियिक काययोग, वैक्रियिक मिश्रकाययोग, आहारक काययोग, आहारक मिश्रकाययोग और कार्मण काययोग । महापुराण 62.309-310
काय के निमित्त से आत्मप्रदेशों का संचार । यह सात प्रकार का होता है― औदारिक काययोग, औदारिक मिश्रकाययोग, वैक्रियिक काययोग, वैक्रियिक मिश्रकाययोग, आहारक काययोग, आहारक मिश्रकाययोग और कार्मण काययोग । महापुराण 62.309-310