कालमुख
From जैनकोष
रोहिणी के स्वयंवर में सम्मिलित एक नृप । रोहिणी के वसुदेव का वरण करने से क्रुद्ध हुए इसने वसुदेव से युद्ध किया । युद्ध में वसुदेव ने इसे प्राण-शेष (अधमरा) कर छोड़ दिया था ।
रोहिणी के स्वयंवर में सम्मिलित एक नृप । रोहिणी के वसुदेव का वरण करने से क्रुद्ध हुए इसने वसुदेव से युद्ध किया । युद्ध में वसुदेव ने इसे प्राण-शेष (अधमरा) कर छोड़ दिया था ।