काष्ठांगारिक
From जैनकोष
हेमांगद देश में राजपुर नगर के राजा सत्यंधर का मंत्री । इसने राजा सत्यंधर के पुत्र को अपना हंता जानकर तथा पुरोहित पर विश्वास कर अनेक नृपों के साथ सत्यंधर पर आक्रमण किया था किंतु पराजित हो गया था । इसने अपने पुत्र काष्ठांगारिक के सहयोग से पुन: आक्रमण किया । इस बार वह विजयी हुआ और सत्यंधर को मारकर स्वयं राजा बन गया । अंत में जीवंधरकुमार द्वारा चलाये गये चक्र से यह भी मरण को प्राप्त हुआ । महापुराण 75.188-222, 659-667