कोंकण
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
पश्चिमी समुद्र तट पर यह प्रदेश सूरत से रत्नगिरि तक विस्तृत है। बंबई व कल्याण भी इसी देश में हैं। ( महापुराण/ प्रस्तावना 49 पं.पन्नालाल)।
पुराणकोष से
वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित एक देश । (पुणे का पार्श्ववर्ती प्रदेश) । महापुराण 16.141-156, पांडवपुराण 1.132