कोशातकी
From जैनकोष
एक फल-कड़वी तूंबी । अमृतरसायन नामक रसोइया ने द्वेष वश इसी फल को खिलाकर सुधर्म मुनिराज को मार डाला था । महापुराण 71.270-275
एक फल-कड़वी तूंबी । अमृतरसायन नामक रसोइया ने द्वेष वश इसी फल को खिलाकर सुधर्म मुनिराज को मार डाला था । महापुराण 71.270-275