क्षार
From जैनकोष
अवसर्पिणी काल के अंत में सरस, विरस, तरुण, रुक्ष, उष्ण और विष नाम के मेघों के क्रमश बरसने के पश्चात् सात दिन तक खारे पानी की वर्षा करने वाले मेघ । महापुराण 76.452-453
अवसर्पिणी काल के अंत में सरस, विरस, तरुण, रुक्ष, उष्ण और विष नाम के मेघों के क्रमश बरसने के पश्चात् सात दिन तक खारे पानी की वर्षा करने वाले मेघ । महापुराण 76.452-453