गंगाधर
From जैनकोष
सूर्योदय नगर के राजा शक्रधनु के साले का पुत्र । यह महीधर का भाई था । अपने फूफा शक्रधनु की पुत्री जयचंद्रा के हरिषेण के साथ विवाहे जाने पर ये दोनों भाई बहुत कुपित हुए । इन्होंने हरिषेण से युद्ध भी किया था किंतु इससे भयभीत होकर दोनों भाई युद्ध से भाग गये थे । पद्मपुराण - 8.353-387