गुरु पूजन क्रिया
From जैनकोष
सर्वार्थसिद्धि/6/5/321-323/11 पंचविंशति: क्रिया उच्यंते-चैत्यगुरुप्रवचनपूजादिलक्षणा सम्यक्त्ववर्धनीक्रिया सम्यक्त्वक्रिया। ......समुदिता: पंचविंशतिक्रिया:।=चैत्य, गुरु और शास्त्र की पूजा आदि रूप सम्यक्त्व को बढ़ानेवाली सम्यक्त्व क्रिया है। ......। ये सब मिलकर पच्चीस क्रियाएँ होती हैं।
देखें क्रिया - 3।