चिकित्सा
From जैनकोष
- आहार का दोष
मूलाचार / आचारवृत्ति / गाथा 447-461 सोलह उत्पादन दोष-...कोमारतणुतिगिंछारसायणविसभूदखारतंतं च। सालंकियं च सल्लं तिगिंछदोसो दु अट्ठविहो ॥452॥.... चिकित्सा दोष - चिकित्सा शास्त्र के आठ भेद हैं - बालचिकित्सा, शरीरचिकित्सा, रसायन, विषतंत्र, भूततंत्र, क्षारतंत्र शलाकाक्रिया, शल्यचिकित्सा। इनका उपदेश देकर आहार लेने से चिकित्सा दोष होता है ॥452॥
अधिक जानकारी के लिये देखें आहार - II.4 - वस्तिका का दोष
भगवती आराधना / विजयोदया टीका 230/444/6 उत्पादनदोषा निरूप्यंते - .....अष्टविधया चिकित्सया लब्धा चिकित्सोत्पादिता । .... उत्पादनाख्योऽभिहितो दोषः षोडशप्रकारः ।....आठ प्रकार की चिकित्सा करके वसतिका की प्राप्ति करना चिकित्सा नामक दोष है ।
अधिक जानकारी के लिये देखें–देखें वस्तिका ।