जयधवला
From जैनकोष
आचार्य गुणधर कृत कषायपाहुड़ ग्रंथ की 60,000 श्लोक प्रमाण विस्तृत टीका है। इसमें से 20,000 श्लोक प्रमाण भाग तो आचार्य वीरसेन स्वामी (ई.770-827) कृत है और शेष 40,000 श्लोक प्रमाण भाग उनके शिष्य आचार्य जिनसेन स्वामी ने ई.837 में पूरा किया। (देखें परिशिष्ट - 1)।