तिंगिच्छ
From जैनकोष
निषध पर्वतस्थ एक ह्रद। इसमें से हरित व सीतोदा नदियाँ निकलती हैं। धृतिदेवी इसमें निवास करती हैं।–देखें लोक - 3.8।
निषध पर्वतस्थ एक ह्रद। इसमें से हरित व सीतोदा नदियाँ निकलती हैं। धृतिदेवी इसमें निवास करती हैं।–देखें लोक - 3.8।