धरणी
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
- धवला 13/5,5/सूत्र 40/243 धरणी धरणाट्ठवणा कोट्ठा पदिट्ठा।40। =धरणी, धरणा, स्थापना, कोष्ठा, और प्रतिष्ठा ये एकार्थवाची नाम है।
- विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर–देखें विद्याधर ।
पुराणकोष से
(1) विजयार्ध की उत्तरश्रेणी की पचासवीं नगरी । महापुराण 19. 85, 87
(2) रत्नपुर नगर के निवासी गोमुख की भार्या, सहस्रभाग की जननी । पद्मपुराण - 13.6 0
(3) प्रभापुर नगर के राजा श्रीनंदन की रानी, सप्तर्षियों की जननी । पद्मपुराण - 92.1-4