नागवती
From जैनकोष
चंपा-नगरी के राजा जनमेजय की रानी । यह काल-कल्प राजा की चंपा नगरी को घेर लेने पर पूर्व निर्मित सुरंग से अपनी पुत्रों के साथ निकलकर शतमन्यु ऋषि के आश्रम में आ गयी थी । इसने अपनी कन्या का विवाह चक्रवर्ती हरिषेण के साथ किया था । पद्मपुराण - 8.301-303, 392-393