नियत प्रदेशत्व
From जैनकोष
समयसार / आत्मख्याति/ परि./शक्ति नं.24 - आसंसारसंहरणविस्तरणलक्षितकिंचिदूनचरमशरीर-परिमाणावस्थितलोकाकाशसम्मितात्मावयवत्वलक्षणा नियतप्रदेशत्वशक्ति:।24। =जो अनादि संसार से लेकर संकोच-विस्तार से लक्षित है और जो चरम शरीर के परिमाण से कुछ न्यून परिमाण में अवस्थित होता है, ऐसा लोकाकाशप्रमाण आत्म अवयवत्व जिसका लक्षण है, ऐसी (जीवद्रव्य की) नियत प्रदेशत्व शक्ति है।