नृगति
From जैनकोष
मनुष्यगति । यह गति उन जीवों को मिलती है जो सरल स्वभावी, संतोषी, सदाचारी, मंदकषायी, शुद्ध अभिप्रायी, विनीत और जिनेंद्र, गुरू तथा धर्म के भक्त होते हैं । सम्यग्दर्शन और ज्ञान से भूषित स्त्रियाँ भी अगले जन्म में पुरुष होती है । वीरवर्द्धमान चरित्र 17. 92-118