पंचश्रुतज्ञानव्रत
From जैनकोष
एक उपवास एक पारणाक्रम से १६८ उपवास पूरे करें। ‘ओं ह्रीं पञ्चश्रुतज्ञानाय नमः’ इस मन्त्र का त्रिकाल जाप करें। (व्रतविधान संग्रह/७२) (वर्धमान पु./....)।
एक उपवास एक पारणाक्रम से १६८ उपवास पूरे करें। ‘ओं ह्रीं पञ्चश्रुतज्ञानाय नमः’ इस मन्त्र का त्रिकाल जाप करें। (व्रतविधान संग्रह/७२) (वर्धमान पु./....)।