प्रकाश
From जैनकोष
(धवला 1/1,1,4/145/6) स्वतो व्यतिरिक्तबाह्यार्थावगतिः प्रकाशः। = अपने से भिन्न बाह्य पदार्थों के ज्ञान को प्रकाश कहते हैं।
(धवला 1/1,1,4/145/6) स्वतो व्यतिरिक्तबाह्यार्थावगतिः प्रकाशः। = अपने से भिन्न बाह्य पदार्थों के ज्ञान को प्रकाश कहते हैं।