प्रणय
From जैनकोष
गोम्मटसार जीवकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/34/64/6 बाह्यार्थेषु ममत्वरूपः प्रणयः . = बाह्य पदार्थनिविषैं ममत्वरूप भाव सो प्रणय कहिए स्नेह है ।
गोम्मटसार जीवकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/34/64/6 बाह्यार्थेषु ममत्वरूपः प्रणयः . = बाह्य पदार्थनिविषैं ममत्वरूप भाव सो प्रणय कहिए स्नेह है ।