प्रादोषिकी-क्रिया
From जैनकोष
एक आध्यात्मिक क्रिया । यह सांपरायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं के अंतर्गत क्रोध के आवेश से उत्पन्न होने वाली एक क्रिया है । हरिवंशपुराण - 58.66
एक आध्यात्मिक क्रिया । यह सांपरायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं के अंतर्गत क्रोध के आवेश से उत्पन्न होने वाली एक क्रिया है । हरिवंशपुराण - 58.66