भवपरिवर्तन
From जैनकोष
द्रव्य, क्षेत्र आदि पाँच प्रकार के परावर्तनों में चौथा परावर्तन । देवलोक के नौ अनुदिश और पाँच अनुत्तर इन चौदह विमानों को छोड़कर शेष चारों गतियों में गमनागमन भवपरिवर्तन कहलाता है । वीरवर्द्धमान चरित्र 11.26-31
द्रव्य, क्षेत्र आदि पाँच प्रकार के परावर्तनों में चौथा परावर्तन । देवलोक के नौ अनुदिश और पाँच अनुत्तर इन चौदह विमानों को छोड़कर शेष चारों गतियों में गमनागमन भवपरिवर्तन कहलाता है । वीरवर्द्धमान चरित्र 11.26-31