भाषा-समिति
From जैनकोष
पाँच समितियों में दूसरी समिति । दस प्रकार के कर्कश और कठोर वचनों का त्याग करके हित-मित और प्रिय वचन बोलना भाषा-समिति है । हरिवंशपुराण - 2.123, पांडवपुराण 9.92
पाँच समितियों में दूसरी समिति । दस प्रकार के कर्कश और कठोर वचनों का त्याग करके हित-मित और प्रिय वचन बोलना भाषा-समिति है । हरिवंशपुराण - 2.123, पांडवपुराण 9.92