मठ
From जैनकोष
तापसियों का आश्रम । ये विशाल पत्तों से आच्छादित होते थे । इनमें पालतू पशु-पक्षी भी रहते थे । यहाँ धान्य न्यूनतम श्रम से उत्पन्न होता था । अनेक फलों वाले वृक्ष भी होते थे । महापुराण 65. 115-117, पद्मपुराण - 33.3-6
तापसियों का आश्रम । ये विशाल पत्तों से आच्छादित होते थे । इनमें पालतू पशु-पक्षी भी रहते थे । यहाँ धान्य न्यूनतम श्रम से उत्पन्न होता था । अनेक फलों वाले वृक्ष भी होते थे । महापुराण 65. 115-117, पद्मपुराण - 33.3-6