मणिप्रभ
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
रुचक व कुंडल पर्वत का एक-एक कूट–देखें लोक - 5.12, लोक - 5.13
पुराणकोष से
(1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिण श्रेणी का छब्बीसवाँ नगर । हरिवंशपुराण - 22.96
(2) दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) विदिशा में स्थित एक कूट । यह देवी रुचकाभा की निवास भूमि था । हरिवंशपुराण - 5.723
(3) कुंडलगिरि की पश्चिम-दिशा में विद्यमान चार कूटों में एक कूट । यह स्वस्तिक देव की निवास भूमि था । हरिवंशपुराण - 5.693