मुनिप्रायश्चित्त
From जैनकोष
आचार्य इंद्रनंदि (ई.श. 10-11) की एक रचना, जिसमें साधुओं के दोषों व शक्ति के अनुसार प्रायश्चित्त देने की विधि का कथन है।
आचार्य इंद्रनंदि (ई.श. 10-11) की एक रचना, जिसमें साधुओं के दोषों व शक्ति के अनुसार प्रायश्चित्त देने की विधि का कथन है।