रथसेना
From जैनकोष
अच्युतेंद्र की सेना की सात कक्षाओं मे तीसरा सैन्य कक्ष । यह सेना अपने सेनापति के अधीन रहती है । इसमें आठ हजार हाथी होते हैं । ये सेना युद्ध के समय अश्वसेना के पीछे चलती है । संग्राम के समय इस सेना के रथ संबद्ध राजाओं की ध्वजाओं से युक्त होते हैं । महापुराण 10.198-199, 26.77