वादीभसिंह
From जैनकोष
- अकलंक देव के गुरु भाई पुष्पसेन (ई.620-680) के शिष्य। असली नाम ओडयदेव, तमिलनाडु के वासी। कृतियें: छत्र चूड़ामणि, गद्य चिंतामणि। समय - ई.770-860। (देखें इतिहास - 7.1), (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/25-27 )।
- वादिराज द्वि. के शिष्य, यादवराज ऐरेयंग शांतराज तेलगु (ई. 1103) के गुरु। असली नाम अजितसेन। कृति स्याद्वाद् सिद्धि। समय - ई.1103 (ई.श.12 पूर्व)। ( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/92 )।