विमुख
From जैनकोष
न्यायविनिश्चय/ वृ./1/20/217/24 विषयात् विभिन्नं मुखं रूपं यस्य तत् ज्ञानं विमुखज्ञानम्। = श्रेय विषयों से विभिन्न रूपवाले ज्ञान को विमुखज्ञान कहते हैं।
न्यायविनिश्चय/ वृ./1/20/217/24 विषयात् विभिन्नं मुखं रूपं यस्य तत् ज्ञानं विमुखज्ञानम्। = श्रेय विषयों से विभिन्न रूपवाले ज्ञान को विमुखज्ञान कहते हैं।