व्यवहारपल्य
From जैनकोष
व्यवहारपल्योपम काल का परिमाण बताने के लिए बनाया गया एक योजन प्रमाण लंबा और इतना ही चौड़ा तथा गहरा चारों ओर दीवाल से युक्त गर्त । इसमें एक से सात दिन तक के भेंड के ऐसे बाल जिनका दूसरा टुकड़ा न हो सके, कूट-कूट कर भर दिये जाते हैं । हरिवंशपुराण - 7.47-48