सचित्तावरण
From जैनकोष
अतिथिसंविभागव्रत के पांच अतिचारों में दूसरा अतिचार । हरे पत्तों आदि सचित्त वस्तुओं से ढककर आहार देना या लेना सचित्तावरण अतिचार कहलाता है । हरिवंशपुराण - 58.183
अतिथिसंविभागव्रत के पांच अतिचारों में दूसरा अतिचार । हरे पत्तों आदि सचित्त वस्तुओं से ढककर आहार देना या लेना सचित्तावरण अतिचार कहलाता है । हरिवंशपुराण - 58.183