सरस्वती
From जैनकोष
(1) जयंतगिरि के राजा वायु विद्याधर की रानी । रति इसकी पुत्री थी जो पद्युम्न को दी गयी थी । हरिवंशपुराण - 47.43
(2) एक देवी । यह तीर्थंकर नेमिनाथ के विहार के समय पद्मा देवी के साथ आगे-आगे चलती थी । हरिवंशपुराण - 59.27
(3) तीर्थंकरों की दिव्यध्वनि । हरिवंशपुराण - 58.9
(4) मृणालकुंडलनगर के राजा शंभु के पुरोहित श्रीभूति की स्त्री वेदवती की यह जननी थी । पद्मपुराण - 106.133-135, 141