सहवृत्ति
From जैनकोष
पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/50/99/5 समवृत्ति: सहवृत्तिर्गुणगुणिनो: कथंचिदेकत्वेनादितादात्ंयसंबंध इत्यर्थ:। =समवृत्ति अर्थात् गुण और गुणी का साथ-साथ रहना अर्थात् उनका कथंचित् एकत्व अर्थात् तादात्म्य संबंध।
पंचास्तिकाय / तात्पर्यवृत्ति/50/99/5 समवृत्ति: सहवृत्तिर्गुणगुणिनो: कथंचिदेकत्वेनादितादात्ंयसंबंध इत्यर्थ:। =समवृत्ति अर्थात् गुण और गुणी का साथ-साथ रहना अर्थात् उनका कथंचित् एकत्व अर्थात् तादात्म्य संबंध।